बेशर्मी की सारी हदें पार कर , अब बैठा हूँ शरीफ़ बन कर । बेशर्मी की सारी हदें पार कर , अब बैठा हूँ शरीफ़ बन कर ।
यूँ तो यहाँ बहुत कुछ पाया है मैंने, घर गाड़ी बँगला सब कमाया है मैंने। यूँ तो यहाँ बहुत कुछ पाया है मैंने, घर गाड़ी बँगला सब कमाया है मैंने।
खुदाया माफ करना इस गुनाह को, जो नफरत में ऐसे तबदील हुआ खुदाया माफ करना इस गुनाह को, जो नफरत में ऐसे तबदील हुआ
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...